रोटी, कपड़ा, शिक्षा और मकान – हर गरीब को देगा कबीर भगवान

आज के समय में जब लोग अपने स्वार्थ में डूबे हुए हैं, एक ऐसे संत हैं जो निःस्वार्थ भाव से गरीबों के जीवन को बेहतर बनाने का कार्य कर रहे हैं। वह हैं संत रामपाल जी महाराज, जिन्होंने "अन्नपूर्णा मुहिम" नाम की एक महान सेवा की शुरुआत की है। इस मुहिम का उद्देश्य है – किसी भी गरीब को भूखा न सोने देना और उसे सम्मानजनक जीवन देना।

Annapurna muhim


✅ क्या है अन्नपूर्णा मुहिम?

अन्नपूर्णा मुहिम, संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा शुरू की गई एक दिव्य योजना है जिसमें गरीब, असहाय और जरूरतमंद परिवारों को निःशुल्क रोटी, कपड़ा, शिक्षा, मकान, दवाई और जीवन की अन्य जरूरी चीजें दी जा रही हैं।

संत रामपाल जी महाराज का संकल्प है:

> "रोटी, कपड़ा, शिक्षा और मकान – हर गरीब को देगा कबीर भगवान।"


✅ गरीबों के लिए एक वरदान बनी यह मुहिम

इस मुहिम के अंतर्गत अनेक परिवारों को:

घर का राशन

कपड़े

गैस सिलेंडर

बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था

रहने के लिए मकान

स्वास्थ्य सुविधाएं


जैसी आवश्यक वस्तुएं बिल्कुल निःशुल्क दी जा रही हैं। संत रामपाल जी महाराज ने उन गरीब परिवारों की जिम्मेदारी उठाई है जिनकी आमदनी का कोई स्रोत नहीं है।

✅ धरती पर करुणा के सागर हैं संत रामपाल जी

इस कलयुग में जब अधिकतर लोग केवल अपनी सुविधा देखते हैं, ऐसे समय में संत रामपाल जी महाराज जी ने अपना पूरा जीवन गरीबों की सेवा में समर्पित कर दिया है। उन्होंने न केवल राशन दिया, बल्कि शिक्षा और मकान की व्यवस्था भी करवाई।

आज वह परिवार जो कभी भूखे पेट सोते थे, आज चैन की नींद सो रहे हैं। वह बच्चे जो शिक्षा से वंचित थे, आज स्कूल जा रहे हैं।

✅ कलयुग में सतयुग की शुरुआत

यह कहना गलत नहीं होगा कि "कलयुग में सतयुग की शुरुआत" हो चुकी है। संत रामपाल जी महाराज जी की अन्नपूर्णा मुहिम ने आज समाज को एक नई दिशा दी है।

जहां एक ओर लोग गरीबी को राजनीति का मुद्दा बनाते हैं, वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज ने प्रत्यक्ष रूप से हजारों गरीबों की मदद करके दिखा दिया है कि "सच्चा संत वही है जो दुखियों का दुःख दूर करे।"

✅ देखिए साक्ष्य वीडियो:

इस पुनीत कार्य का एक नज़ारा आप देख सकते हैं Factful Debates यूट्यूब चैनल पर –
"कलयुग में सतयुग की शुरुआत" नामक वीडियो में।


निष्कर्ष:
अन्नपूर्णा मुहिम केवल एक सामाजिक सेवा नहीं, बल्कि यह भगवान कबीर साहेब की उस वाणी का जीवन्त प्रमाण है जो कहती है:

 "भूखा मरै न कोई भी, ऐसा हो संसार।
जहाँ हो राज संत का, और हो सब पर उपकार।"


आज जरूरत है कि समाज के हर वर्ग तक यह सेवा पहुँचे और अधिक से अधिक लोग इस महान कार्य से जुड़ें।


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